Monday, August 29, 2011

विशेषाधिकारों के प्रति जागरूक सरकार

प्रदीप उपाध्याय

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना से हारने के बाद हार की शिकन नेताओ के चहरे पर साफ देखी जा सकती है. तभी तो वे अन्ना की टीम को घेरने की कोशिश कर रही है

इसी सिलसिले में सरकार ने किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जरी कर दिया है।

सरकार का कहना है कि किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी ने रामलीला मैदान में नेताओं पर 'आपत्तिजनक' टिप्‍पणी की है और यह विशेषाधिकार हनन के दायरे में आता है

हमारी सरकार इतनी सक्रिय हो गई है कि संसद के दोनों सदनों में सदस्‍यों ने इनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी जारी कर दिया है।

वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी की हमारी सरकार ने किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी करने में इतनी फुर्ती दिखाई है कि मानो लग रहा है कि सरकार हर बात पर जागरूक हो गई है

तभी तो माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। लेकिन फिल्‍म अभिनेता अनुपम खेर खुले आम पुरी के समर्थन में आ गए हैं। उन्‍होंने सोशल साइट ट्वि‍टर पर लिखा, 'मैं ओमपुरी के साथ हूं। उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर उसी बात को कहा है जो करोड़ों घरों में हर रोज कही जाती है।'

मै भी उनकी इस बात से सहमत हु कि अगर आप साफ है तो आप को बुरा नहीं लगना चाहिएइस बात से चोर कि दाड़ी में तिनका वाली कहावत सिद्ध होती दिख रही है

दरअसल, रामलीला मैदान में बेदी ने बीते शुक्रवार को एक कपड़े से घूंघट बनाकर नेताओं को दोमुंहा कहा था और कहा था कि वे हमेशा मुखौटा ओढ़े रहते हैं। बेदी ने कहा था कि नेता अलग-अलग मौकों पर मुखौटे बदल कर अलग-अलग बात बोलते हैं। उन्होंने कहा था कि एक मुलाकात में नेताओं ने कुछ कहा, जबकि दूसरी मुलाकात में कुछ और कहा।

जनतंत्र की सबसे बड़ी जीत


प्रदीप उपाध्याय

अन्ना हजारे के अनशन तोड़ते ही सारा देश जीत के जश्न में डूब गया। तिरंगा हाथो में लिए लोगों ने नाच-गाकर जनतंत्र की सबसे बड़ी जीत का जश्न मनाया।

शुक्रवार को जैसे ही संसद में सरकार द्वारा अन्ना हजारे की शर्तों पर लाया गया प्रस्ताव पारित हुआ पूरा देश खुशी से झुमने लगा। देश में दीपावली और होली एक साथ मनाए जाने लगी।

शनिवार शाम को हजारो की तादात में देश प्रेमी इंडिया गेट पर एकजुट हुए और जीत का जश्न मनाया। वहा का माहौल देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो सारा देश ही इंडिया गेट पर गया हो।

मैने जब इस माहौल को देखा तो मेरे शरीर मे एक अजीब सी हलचल होने लगी। दिल मे देश प्रेम की एक अलग ही उमंग उठने लगी मै अपने आप को रोक नहीं पाया और शाम बजे से रत ११ बजे तक नाचता रहा। मै अपने आप को स्वर्ग मे महसूस कर रहा था। मैने पहली बार देश मे ऐसा नज़ारा देखा था और अपने भारतीय होने पर गर्व कर रहा था।

अन्ना हजारे ने इसे जनता की जीत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकपाल पर हमें अभी आधी जीत हासिल हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जंग अभी जारी रहेगी।

इस जीत ने ये साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोच्च होती है।

Friday, August 19, 2011

अन्ना की आग सरहद पार


प्रदीप उपाध्याय

भ्रष्टाचार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे अन्ना की आंधी सरहद पार तक पहुंच गई है। भारत में भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम लोगो में जोश को देख कर तानाशाही झेल रही पाकिस्तानी जनता भी अपने हक़ के लिए आवाज़ उटती नज़र आने लगी है।

पाकिस्तान में जहांगीर अख्तर नाम के एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने भी अन्ना की तर्ज पर भ्रष्टाचार और सेना पर हो रहे बेतहाशा खर्च के विरोध में अनशन करने की योजना बनाई है। ये अनशन रमजान के बाद शुरू होगा।

यह अनशन भ्रष्टाचार के खिलाफ और सैन्य खर्च में कटौती करने के लिए संसद में विधेयक लाने की मांग पर केंद्रित होगा। अख्तर के मुताबिक पाकिस्तान में भ्रष्टाचार और उच्च सैन्य बजट दो प्रमुख समस्याएं हैं। इसके आलावा पाकिस्तान आर्थिक संकट, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता जैसी कई समस्याओं से जूझ रहा है।

अन्ना के आंदोलन की प्रशंसा करते हुए अख्तर ने कहा कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार भारत से कहीं ज्यादा है। अख्तर चाहते हैं कि पाकिस्तानी संसद में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून पारित हो, जिसकी रूपरेखा बहुत हद तक वैसी ही हो, जिस तरह के कानून की मांग भारत में की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करने वाले वश्विक संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 2010 की सूची में पाकिस्तान को दुनिया का 34वां सबसे भ्रष्ट देश के ख़िताब से नवाज़ा गया था।

Wednesday, August 17, 2011

अन्ना में उलझी सरकार

प्रदीप उपाध्याय

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को दबाने की कोशिशों में लगी सरकार के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे गले की हड्डी बन गए है जिसे तो वे निगल सकती है और ही उगल सकती है

अन्ना को देश भर से मिल रहे समर्थन और उनके द्वारा तिहाड़ जेल से रिहा होने से इनकार किये जाने के बाद सरकार के सामने एक नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है

अन्ना ने रिहाई से पहले सरकार के सामने एक शर्त रखी है कि वह बाहर आने पर जीपी पार्क में ही अनशन करेंगे

मंगलवार शाम को ही पुलिस ने हजारे की रिहाई के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन वह बिना गारंटी के बाहर आने के तैयार नहीं हैं. 74 वर्षीय अन्ना कड़े लोकपाल कानून की मांग के साथ मंगलवार से अनशन करने वाले थे लेकिन इससे पहले ही उन्हें 'एहतियातन' गिरफ्तार कर लिया गया.

अन्ना की गिरफ्तारी के बाद भारत के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. रिहाई से उनके इनकार के बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. उनके सैकड़ों समर्थक रात भर तिहाड़ जेल के सामने नारेबाजी करते रहे, अन्ना के समर्थन में उतरे वकील, जबलपुर भी बंद.