प्रदीप उपाध्याय
पाठकों, मैं आप सभी से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या आतंक का कोई धर्म या रंग होता
है ?
आप को शायद पता
नहीं होगा। परन्तु हमारे देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे जी को लगता है कि
आतंक का भगवा रंग होता है। सच पूछे तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। दरअसल 2014 में
लोकसभा चुनाव होने है और सरकार के पास लोगों के सामने वोट मांगने के लिए कोई
मुद्दा नहीं है। इसलिए आजकल उन्हें हिंदू या मुसलमान की याद आ रही है।
हमारे देश में नेताओं को लोगों की परेशानी से
कोई मतलब नहीं है। वे बस इतना जानते है कि अपने कार्यकाल के चार साल तक जमकर जनता
के पैसों को लूटे और आखिरी साल में उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी करनी है
और पिछले चार सालों में देश से लूटे धन को कैसे भी करके स्विज बैंक में पहुंचाना
है।