प्रदीप उपाध्याय
चीन ने एक बार फिर से अपने ओकात दिखाते हुए हमारी सीमा में घुसपैठ की है। पिछले महीने एलओएसी को पार कर दो चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख क्षेत्र में हमारे कई बंकर तबाह कर दिए। इन हेलीकॉप्टरों में सात से आठ चीनी सैनिक सवार थे। हमारे बंकरों को तबाह करने के बाद चीनी सैनिक आराम से वापस लौट गए।
इस मामले का खुलासा लेह जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है। इस सम्बन्ध में आईटीबीपी ने भी गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। लेकिन हमारी सेना ने इसी किसी भी घटना से इनकार किया है। भारतीय सेना चीनी सैनिकों की इन हरकत को घुसपैठ नहीं बल्कि एलओएसी के निशान नहीं बनने की वजह से होने वाला अतिक्रमण मानती है।
हालांकि आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 25 अगस्त को चीन के दो हेलीकॉप्टर चुमुर इलाके में एलओएसी के भीतर करीब 200-300 फीट तक घुसे 20 - 25 मिनट तक रुके चीनी भाषा में कुछ लिखा और सेना के बंकरों को क्षतिग्रस्त कर अपने देश लौट गए। हालांकि इस इलाके में आईटीबीपी की भी तैनाती है।
बताया जा रहा है कि आईटीबीपी का एक जवान इस जगह से काफी दूर पर खड़ा था, ऐसे में वह कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर सका। चीनी सैनिकों की इस हरकत को आईटीबीपी के जवानों ने दूरबीन के जरिये देखा।
चीन की इस हरकत का सीधा मतलब ये निकलता है कि हमारी सरकार तो भष्टाचार करने में इतनी व्यस्त है कि उस के पास ऐसी घुसपैठ को रोकने के लिए समय नहीं है।
चीन ने एक बार फिर से अपने ओकात दिखाते हुए हमारी सीमा में घुसपैठ की है। पिछले महीने एलओएसी को पार कर दो चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख क्षेत्र में हमारे कई बंकर तबाह कर दिए। इन हेलीकॉप्टरों में सात से आठ चीनी सैनिक सवार थे। हमारे बंकरों को तबाह करने के बाद चीनी सैनिक आराम से वापस लौट गए।
इस मामले का खुलासा लेह जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट से हुआ है। इस सम्बन्ध में आईटीबीपी ने भी गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। लेकिन हमारी सेना ने इसी किसी भी घटना से इनकार किया है। भारतीय सेना चीनी सैनिकों की इन हरकत को घुसपैठ नहीं बल्कि एलओएसी के निशान नहीं बनने की वजह से होने वाला अतिक्रमण मानती है।
हालांकि आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 25 अगस्त को चीन के दो हेलीकॉप्टर चुमुर इलाके में एलओएसी के भीतर करीब 200-300 फीट तक घुसे 20 - 25 मिनट तक रुके चीनी भाषा में कुछ लिखा और सेना के बंकरों को क्षतिग्रस्त कर अपने देश लौट गए। हालांकि इस इलाके में आईटीबीपी की भी तैनाती है।
बताया जा रहा है कि आईटीबीपी का एक जवान इस जगह से काफी दूर पर खड़ा था, ऐसे में वह कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर सका। चीनी सैनिकों की इस हरकत को आईटीबीपी के जवानों ने दूरबीन के जरिये देखा।
चीन की इस हरकत का सीधा मतलब ये निकलता है कि हमारी सरकार तो भष्टाचार करने में इतनी व्यस्त है कि उस के पास ऐसी घुसपैठ को रोकने के लिए समय नहीं है।