प्रदीप उपाध्याय
पाकिस्तान से आये 480 हि
न्दु जो की कुम्भ स्नान के लिए आये थे उन्होंने अपनी दुर्दशा मीडिया और अन्य लोगो के सामने जाहिर की। उनका कहना था कि देश विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान में उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार हो रहा है और आये दिन न केवल उन पर जुल्म व हमले होते हैं बल्कि उनकी आंखों के सामने ही उनकी बहू बेटियों की इज्जत लूट ली जाती है। उन्होंने बताया कि बेटियों की इज्जत बचाने के लिए वह 10 से 12 वर्ष की उम्र में ही उनकी शादियां कर देते हैं। यहा तक की हिन्दु औरतों को सिंदूर और बिंदी लगाने की भी इजाजत नहीं है। त्यौहार और पर्व तो वे क्या मनाएंगे।
न्दु जो की कुम्भ स्नान के लिए आये थे उन्होंने अपनी दुर्दशा मीडिया और अन्य लोगो के सामने जाहिर की। उनका कहना था कि देश विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान में उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार हो रहा है और आये दिन न केवल उन पर जुल्म व हमले होते हैं बल्कि उनकी आंखों के सामने ही उनकी बहू बेटियों की इज्जत लूट ली जाती है। उन्होंने बताया कि बेटियों की इज्जत बचाने के लिए वह 10 से 12 वर्ष की उम्र में ही उनकी शादियां कर देते हैं। यहा तक की हिन्दु औरतों को सिंदूर और बिंदी लगाने की भी इजाजत नहीं है। त्यौहार और पर्व तो वे क्या मनाएंगे।
पकिस्तान में हिन्दुओ पर
निर्मम अत्याचार हो रहे है। उनकी चीख पुकार उनके आसू और आहे सुनने वाला कोई नहीं
है। क्या आप को पता है कि पाकिस्तान से आने वाले हिंदू परिवारों को रोकने के लिए
हमारी सरकार ने एक शर्मनाक कदम उठाया है। सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी हिंदूओं
के पूरे परिवार को एक साथ वीजा नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन ये शर्ते पास्तिान से
आने वाले मुसलमानों पर लागू नहीं होगी। अब ऐसी स्थिती में जब आप के घर पर कोई शरण
मांगने आया है तो क्या आप उसे भगा देते हैं। ये भारतीय संस्कार हैं। पाकिस्तान
भारत विभाजन का परिणाम था जिसे कोई भी नहीं नकार सकता। कुछ स्वार्थी लोगों ने अपने हितों को पूरा करने
के लिए देश के तीन टुकड़े कर दिए। मैं किसी भी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं ले रहा
हुं क्योंकि बताया
उन्हें जाता है जिन्हें कुछ पता नहीं हो। परन्तु आप लोग समझदार है। अब आप ये भी
पूछेंगे कि तीन टुकड़े कैसे तो आप को याद होगा 1947 में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान नाम के दो
भू-खंड़ हिन्दूस्तान से अलग किए गए थे। पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बांग्लादेश के नाम से स्वतंत्र राष्ट्र बना।
दोस्तों मैं आप को ये सब इसलिए नहीं बता रहा हुं कि मैं अपने देश का इतिहास जानता
हुं। मैं सिंर्फ आप का ध्यान केवल इस ओर दिलाना चाहता हुं कि क्या हमारी सरकार ने
अवैध तौर से देश में रह रहे बांग्लादेशियों के लिए कोई नीति बनाई है या उन्हें
रोकने के लिए कोई भी ठोस कार्यवाही की। हमारे देश में बांग्लादेशी लोगों की संख्या
इतनी अधिक हो गई है कि वे कई राज्यों को प्रभावित करने लगे हैं। इसका उदाहरण हमें
असम में पिछले दिनों हुई हिंसा से हमें देखने को मिला है। वहां पर बांग्लादेशियों
ने असम के लोगों को एक छोटे से हिस्से तक सीमित कर दिया है। हमारी सरकार सब जानते
हुए भी वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में देश को डुबोने में लगी है।
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