Monday, August 29, 2011

जनतंत्र की सबसे बड़ी जीत


प्रदीप उपाध्याय

अन्ना हजारे के अनशन तोड़ते ही सारा देश जीत के जश्न में डूब गया। तिरंगा हाथो में लिए लोगों ने नाच-गाकर जनतंत्र की सबसे बड़ी जीत का जश्न मनाया।

शुक्रवार को जैसे ही संसद में सरकार द्वारा अन्ना हजारे की शर्तों पर लाया गया प्रस्ताव पारित हुआ पूरा देश खुशी से झुमने लगा। देश में दीपावली और होली एक साथ मनाए जाने लगी।

शनिवार शाम को हजारो की तादात में देश प्रेमी इंडिया गेट पर एकजुट हुए और जीत का जश्न मनाया। वहा का माहौल देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो सारा देश ही इंडिया गेट पर गया हो।

मैने जब इस माहौल को देखा तो मेरे शरीर मे एक अजीब सी हलचल होने लगी। दिल मे देश प्रेम की एक अलग ही उमंग उठने लगी मै अपने आप को रोक नहीं पाया और शाम बजे से रत ११ बजे तक नाचता रहा। मै अपने आप को स्वर्ग मे महसूस कर रहा था। मैने पहली बार देश मे ऐसा नज़ारा देखा था और अपने भारतीय होने पर गर्व कर रहा था।

अन्ना हजारे ने इसे जनता की जीत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकपाल पर हमें अभी आधी जीत हासिल हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जंग अभी जारी रहेगी।

इस जीत ने ये साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोच्च होती है।

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