भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना से हारने के बाद हार की शिकन नेताओ के चहरे पर साफ देखी जा सकती है. तभी तो वे अन्ना की टीम को घेरने की कोशिश कर रही है।
इसी सिलसिले में सरकार ने किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जरी कर दिया है।
सरकार का कहना है कि किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी ने रामलीला मैदान में नेताओं पर 'आपत्तिजनक' टिप्पणी की है और यह विशेषाधिकार हनन के दायरे में आता है।
हमारी सरकार इतनी सक्रिय हो गई है कि संसद के दोनों सदनों में सदस्यों ने इनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी जारी कर दिया है।
वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी की हमारी सरकार ने किरण बेदी और अभिनेता ओम पुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी करने में इतनी फुर्ती दिखाई है कि मानो लग रहा है कि सरकार हर बात पर जागरूक हो गई है।
तभी तो माफी मांग लेने के बावजूद ओम पुरी के खिलाफ कई सांसदों ने सोमवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। लेकिन फिल्म अभिनेता अनुपम खेर खुले आम पुरी के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने सोशल साइट ट्विटर पर लिखा, 'मैं ओमपुरी के साथ हूं। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर उसी बात को कहा है जो करोड़ों घरों में हर रोज कही जाती है।'
मै भी उनकी इस बात से सहमत हु कि अगर आप साफ है तो आप को बुरा नहीं लगना चाहिए। इस बात से चोर कि दाड़ी में तिनका वाली कहावत सिद्ध होती दिख रही है।
दरअसल, रामलीला मैदान में बेदी ने बीते शुक्रवार को एक कपड़े से घूंघट बनाकर नेताओं को दोमुंहा कहा था और कहा था कि वे हमेशा मुखौटा ओढ़े रहते हैं। बेदी ने कहा था कि नेता अलग-अलग मौकों पर मुखौटे बदल कर अलग-अलग बात बोलते हैं। उन्होंने कहा था कि एक मुलाकात में नेताओं ने कुछ कहा, जबकि दूसरी मुलाकात में कुछ और कहा।
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