Tuesday, March 19, 2013

विदेशी बैंको से निकले देसी पैसा


प्रदीप उपाध्याय
   देश के पास पैसा नहीं है क्योंकि हमारे देश का सारा पैसा तो विदेशी बैंको में जमा है। हमारे माननीय मंत्री जी कह रहे है कि हमारे पास चीन के मुकाबले ज्यादा पैसे हैं। मंत्री जी क्या आप ये भी बताने का कष्ट करेंगे कि ये स्थिति क्यों आई है। आप तो इसके लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था को जिम्मेदार कहेंगे। लेकिन इसकी असली वजह तो ये है कि हमारे नेताओं में भ्रष्ट्राचार करने की होड़ लगी हुई है। इसके चलते हर नेता भ्रष्ट्राचार करने में अपने को आगे रखने की कोशिशों में लगा है। नेता जी के इस नए शौक के चलते देश का सारा पैसा तो उनकी तिजोरी जो विदेशों में है में रखा है। यदि आप मेरी बात से सहमत नहीं है तो आप देश को बताए कि राष्ट्रमंडल खेलों में देश की प्रतिष्ठा को ताक पर रख कर धांधली करने वाले सुरेश कलमाड़ी और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्य आरोपी ए राजा को संसद में दोबारा जगह कैसे मिली। चलिए जगह तक तो ठीक है पर हमारी सरकार उन व्यक्तिों को संसदीय स्थायी समितियों का सदस्य बना कर क्या कराने की सोच रही है।
  यदि आप देश में पैसा की कमी पूरा करना ही चाहते है तो सोचने की जरूरत नहीं है। आप को सिर्फ इतना करना है कि जितने भी भ्रष्ट्रचार के दोषी है उनसे पूरे पैसे की वसूली की जाए और यदि ऐसा नहीं किया जा सकता तो उस व्सक्ति पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए व उसकी सारी संपति जप्त की जानी चाहिए। अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि देश में भ्रष्ट्राचार का आरोप तो कभी साबित होता ही नहीं है। ऐसी परिस्थिति में देश की अदालतों को ज्यादा शक्ति देने की जरूरत है। साथ ही हमारी जांच एजेंसियों को सरकार के नियंत्रण से दूर रखा जाना चाहिए।
   लेकिन हम सब जानते है कि हमारे देश में ऐसा केवल सोचा जा सकता है। उसे व्यवहार में नहीं जाया जा सकता। ये हमारे देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।

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