चीन ने भारत के 19 किलोमीटर अंदर आकर
बंकर बना लिये और भारत सरकार को खुब छका कर अपने आप वापस चले गए। यह घटना कोई
अचानक होने वाली घटना नहीं है बल्कि
चीन ने इसकी योजना पहले से बना रखी थी। यकिन नहीं तो आप जरा पिछले दिनों चीन के
द्वारा अलग-अलग देशों के भू-भाग पर अपना दावों पर गौर किजिए। द्वीपों को लेकर
जापान के साथ या
फिर दक्षिणी सागर में अपना दावा चीन हर जगह अपना दावा पेश कर देता है। भारत को
छोड़कर सभी देश चीन के दावो को जोरदार रूप से खंडि़त कर देते है। भारत की विदेश
नीति में 1962 की
हार का डर आज भी महसूस किया जा सकता है। यही वजह है कि देश की विदेशनीति में
दब्बूपन आ गया है।
आगे बढ़ते है चीन ने
पडोसी देशों के साथ बढ़ रहे समुद्री तनाव के मद्देनजर अपना सैन्य तैयारियां शुरू
कर दी है। पिछले दिनों चीन के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने सशस्त्र बलों से लड़ाई की
तैयारी मजबूत करने और युद्ध में जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
सैन्य आयोग
के उपाध्यक्ष फान चांगलोंग ने जिंगासूए फजियान और झेजियांग प्रांतों में सैनिकों
से मुलाकात में ये बाते कही।
आयोग 23 लाख सैनिकों वाली
सेना पर नियंत्रण रखने वाला शीर्ष सैन्य निकाय है जिसके अध्यक्ष राष्ट्रपति शी
चिनफिंग हैं।
फान ने कहा कि सेना
को जीत सुनिश्चित करने के लिए हमेशा ही तैयार रहना चाहिए एवं तीक्ष्ण मारक क्षमता
कायम रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा सैन्य
अधिकारियों एवं सैनिकों को सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के
प्रति निष्ठावान एवं भरोसेमंद रहना चाहिए तथा उसके निर्देशों का पालन करना चाहिए।